Glory of Ganga in Hindi | माँ गंगा की महिमा | Mokshadayini Ganga in Hindi | मोक्षदायिनी गंगा का माहात्म्य | Ganga Ki Mahima
✍🏻 आज मैं आपको गंगा का माहात्म्य (Glory of Ganga) बतलाता हूँ। कहा जाता है कि गंगा (Ganga) का सदा सेवन करना चाहिए। वह भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली हैं।
✍🏻 जिन देशों के बीच से गंगा बहती हैं, वे सभी देश श्रेष्ठ तथा पावन हैं।
✍🏻 उत्तम गति की खोज करने वाले प्राणियों के लिए गंगा (Ganga) ही सर्वोत्तम गति है।
गंगा नदी का उद्गम स्थल केदारनाथ चोटी के उत्तर में गौमुख नामक स्थान पर 6600 मीटर की ऊॅचाई पर हमानी से है।
✍🏻 गंगा (Ganga) का सेवन करने पर वह माता और पिता – दोनों के कुलों का उद्धार करती हैं।
✍🏻 एक हजार चान्द्रायण-व्रत की अपेक्षा गंगाजी के जल (Gangajal) का पीना उत्तम है।
✍🏻 एक मास गंगाजी का सेवन करने वाला मनुष्य सब यज्ञों का फल पाता है।
यह नदी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), बिहार (Bihar), पश्चिम बंगाल (West Bengal), बांग्लादेश (Bangladesh) आदि से होकर गुजरती है।
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गंगा नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं।
✍🏻 गंगादेवी सब पापों को दूर करने वाली तथा स्वर्गलोक देने वाली हैं।
✍🏻 गंगा (Ganga) के जल में जब तक हड्डी पड़ी रहती है, तब तक वह जीव स्वर्ग में निवास करता है।
✍🏻 अंधे आदि भी गंगाजी का सेवन करके देवताओं के समान हो जाते हैं।
गंगा नदी को नवंबर 2008 में भारत सरकार द्वारा भारत की राष्ट्री्य नदी का दर्जा दिया गया है।
✍🏻 गंगा-तीर्थ (Ganga-Teerth) से निकली हुई मिट्टी धारण करने वाला मनुष्य सूर्य के सामान पापों का नाशक होता है।
✍🏻 जो मानव गंगा (Ganga) का दर्शन, स्पर्श, जलपान अथवा ‘गंगा’ इस नाम का कीर्तन करता है, वह अपनी सैकड़ों-हजारों पीढ़ियों के पुरुषों को पवित्र कर देता है।
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इस नदी के किनारे बसे नगर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, पटना, भागलपुर, वाराणसी, कोलकाता हैं।
Jai Mata Di…
Jai Mata Di 🙂
jai Ganga Mata di
Jai Ganga Maiya 🙂
nice
Thanks @Pradyot ji. 🙂