Independence Day Essay in Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | 15 August Speech in Hindi for School | स्वतंत्रता दिवस पर भाषण | Speech on Independence Day in Hindi
Independence Day Essay in Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
15 August 1947 – हमारी आजादी का दिन (Our Independence Day). सदियों की गुलामी (Slavery), तिरस्कार, अनादर और जुल्म (Persecution) से बनी बेड़ियों से हमें आज़ादी (freedom) देने के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान गँवाई। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), भगत सिंह (Bhagat Singh), सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose), राजगुरु (Rajguru) और न जाने कितने ही ऐसे दिग्गज थे जिन्होंने पूरे देश में आज़ादी और आत्म सम्मान के लिए लोगों को लड़ना सिखाया। इनकी अगुवाई में लाखों लोग भारतवर्ष के लिए लड़े, शहीद हुए और अपने आने वाली पीढ़ी को सबसे खूबसूरत उपहार आजादी दे गए।
कई लोगों ने विवाह नहीं किया, कई माताओं ने अपने नौजवान बालकों को वीरगति पाते हुए देखा। कई नौजवान महिलाएं विधवा हुईं और कई बच्चों ने पिता खो दिए। इन्हीं के बलिदानों (Sacrifices) की देन है कि आज हम अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने की तैयारी कर रहे हैं जो कि 15 अगस्त, 2017 यानि की कल ही है।
क्या आप मुझे बतायेंगे कि आप किस तरह से स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने की तैयारी कर रहे हैं?
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संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे … हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे, हम मिलजुल के रहे ऐसे की … मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे।
क्या हुआ? कोई उत्तर नहीं है न! मेरे पास भी नहीं था, जब मैंने स्वयं से ये प्रश्न किया।
15 August Speech in Hindi for School
15 August 1947 – हमारी आजादी का दिन
स्कूल जाने वाले बच्चे हों या दफ्तर जाने वाले उनके माता-पिता, स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) को सभी केवल एक अवकाश (The holidays) के रूप में देखते हैं। हम सभी शायद इस दिन का महत्व भूल गए हैं। जहां महात्मा गांधी जैसे लोगों ने अपनी नई पीढ़ी के लिए जान गंवाई, वहीँ हम अपने राष्ट्रपिता को इस दिन भी याद तक नहीं करते।
अरे हमसे अच्छे तो वो बच्चे हैं जो महात्मा गांधी, भगत सिंह या सुभाष चन्द्र बोस की वेशभूषा धारण कर उनकी जीवनी पढ़कर विद्यालय में निबंध या कवितायें सुनाते हैं और भरी सभा को ये याद दिलाते हैं कि अगर ये आजादी के सेनानी बनकर नि:स्वार्थ रूप से अपनी जान न गंवाते तो हम आज भी उन्हीं जंजीरों में जकड़कर गुलामी (Slavery) ही कर रहे होते।
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आज़ादी की कभी शाम न होने देंगे … शहीदो की क़ुरबानी बदनाम न होने देंगे, बची है जो एक बूँद भी लहू की … तब तक भारत माँ का अंचल नीलाम न होने देंगे।
Essay on Independence Day in Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में
स्वतंत्र (Independent) होने के पश्चात, आज 70 वर्ष बीत गए हैं और भारत वर्ष बहुत अधिक आगे बढ़ चुका है, लेकिन हम सभी शायद अपने नैतिक मूल्यों को बहुत पीछे छोड़ आये हैं। तभी हम उन सभी शहीदों की कुर्बानी (Martyrs’ martyrdom) और त्याग (Sacrifice) की बातों को भूल गए और केवल अपनी सफलता (Success) ही हमें याद रही।
हम सभी आज के समय में सफल होना चाहते हैं, देश विदेश की यात्रा करना चाहते हैं, पाँच सितारा होटलों में खाना खाना चाहते हैं और अगर हम इसमें सफल हो जाते हैं तो मानो हमें सब कुछ मिल गया।
लेकिन अगर किसी अनाथालय ने आपसे दान मांग लिया तो आपका मूड खराब हो जाता है। किसी गरीब ने खाना मांग लिया तो आप उसका हाथ झटक कर उसे भगा देते हैं, फिर चाहे आपको बचा हुआ खाना फेंकना ही क्यूँ न पड़े। अपनी मन्नत या यूँ कहें कि स्वार्थ पूर्ण होने पर ईश्वर के मंदिर में करोड़ों का दूध बहा तो सकते हैं, लेकिन नि:स्वार्थ और परोपकार की भावना से किसी गरीब बच्चे को 1 गिलास दूध पिला नहीं सकते।
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असल में देखा जाये तो आजादी दी नही जाती बल्कि हासिल करनी पड़ती है।
आप स्वयं ही सोचिये कि आधुनिकता की ओर बढ़कर अपने स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom fighters) के त्याग की भावना को भूल जाना क्या सही है? आज हम में से कोई भी त्याग करने को तैयार नहीं है, लेकिन 70 वर्ष पूर्व हमारी आजादी के लिए जिन्होंने शिक्षा, भोजन यहाँ तक कि अपने जीवन और परिवार को भी त्याग दिया, वो हमें सही लगते हैं?
हम अपने बच्चों को सिखाते हैं कि बड़ों का आदर करों, छोटों से प्यार करों, परीक्षा में अव्वल आओ और बड़े आदमी बनो। लेकिन दूसरी तरफ शादी के बाद अपने इन्हीं बच्चों के सामने हम बुजुर्गों का मान नहीं रखते तो क्यों उनसे आशा करते हैं कि वो आपका मान रखेंगे। सड़क पर भूख से बिलखते बच्चे यदि खाना मांगते हैं और आप उन्हें दुत्कार (Droop) देते हैं तो आपके बच्चे क्यों किसी छोटे से प्यार करेंगे।
आप उन्हें पढ़ने के लिए विदेश तो भेजते हैं लेकिन उन्हें अपने देश का इतिहास, संस्कृति कुछ नहीं समझाते।
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ना पूछो ज़माने से क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो ये है कि हम हिंदुस्तानी हैं। 🙂
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 15 August
Speech on Independence Day in Hindi
स्वतंत्रता का अर्थ आज तक हमने अपने बच्चों को नहीं सिखाया और शायद स्वयं भी नहीं सीखा। इस बार आप कुछ ऐसे स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाओ कि आपको स्वयं पर गर्व हो। इसे केवल एक छुट्टी का दिन समझकर न छोड़ दें।
✍ अपने बच्चों को उन क्रांतिकारियों की कहानी सुनाएं जिन्होंने देश को अपना परिवार माना और उसे आज़ाद कराने के लिए निहत्थे ही अंग्रेजों (The British) की गोलियों के आगे खड़े हो गये।
✍🏻 बच्चों को देश प्रेम की भावना की एहसास करायें और उन्हें समझायें कि केवल तिरंगे को झुकना न पड़े इसीलिए भगत सिंह, राज गुरु और सुखदेव जैसे जवान हँसते-हँसते सूली चढ़ गए।
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मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है कलम मेरी, मैं इश्क़ भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिख जाता है।
✍ उन्हें नि:स्वार्थ होने का अर्थ बताएं जैसे गांधी जी निहत्थे और निडरता से अपने परिवार की चिंता किये बिना आजादी के आन्दोलनों में जुट गये और सम्पूर्ण देश में घूम कर आदर्श, आत्म-सम्मान और आजादी से जीने का अर्थ समझाकर लोगों को इस आंदोलन (protest) में शामिल किया।
✍🏻 अपने बच्चों को त्याग और बलिदान की वो गाथा सुनाएं जिसे सुनने के पश्चात वो भी अपने हर देशवासी की सहायता को सदैव तत्पर रहे।
✍ उन्हें आजादी का अर्थ समझाने के साथ निडर बनाना भी हमारा ही कर्तव्य है ताकि इस आजादी भारत में किस भी परेशानी का सामना करते अपने भाई-बहनों की भी वो सहायता कर सके।
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ये मत पूछो की वतन ने तुमको क्या दिया? … ये सोचो कि तुमने वतन के लिए क्या किया?
Our Thinking and Independence Day
हमारी सोच और स्वतंत्रता दिवस
इस समय हमारा ये आज़ाद (independent) भारत बेहद गलत लोगों से भरा हुआ है जो यहाँ लड़कियों या महिलायों को आज़ादी से घूमने की आज्ञा नहीं देते। इन अपराधियों की बातों को मान लें तो ठीक है वरना आजादी तो दूर की बात है, इन महिलायों को अपने जीवन का भी त्याग करना पड़ जाता है।
यदि सही मायनों में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाना चाहते हैं तो सबसे पहले हम सब अपने भारत को वाकई में इतना स्वतंत्र बनाएं कि यहाँ महिलायों को भी स्वतंत्रता और सुरक्षा (Security) के साथ घूमने की आजादी मिल सके। भारत को सदैव स्वतंत्र बनाए रखने के लिए हमें भी उन्हीं वीरों की सोच और दूरदृष्टि अपनानी होगी ताकि आज से और 70 वर्ष बाद भी भारत में प्रत्येक भारतवासी एक दूसरे की सहायता और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे।
अपनी सफलता के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य देश की सफलता के लिए भी कुछ कार्य करे। खुश होकर जश्न मनाये लोगों को भोजन करायें लेकिन उन गरीबों को भी इस भोजन में शामिल करें जो दो रोज़ से भूखे हैं।
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मैं चैन ओ अमन पसंद करता हूँ, मेरे देश में दंगा रहने दो … लाल हरे में मत बांटो, मेरी छत पे तिरंगा रहने दो।
शिक्षा | Moral
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर औरतों की रक्षा, उनके सम्मान को सुरक्षित रखने, बच्चों को नैतिक मूल्य सिखाने, गरीबों के हित में लड़ने और भूखों को भोजन कराने का ह्रदय से प्रयास कराएं।
यदि सभी भारतवासी इसी प्रकार सोचें और इनमें से एक भी कार्य को सम्पूर्ण कर पाएं तो भारत से दरिद्रता भी हटेगी, नैतिक मूल्य जीवित रहेंगे और हमारे साथ साथ हमारे विचारों को भी स्वतंत्रता (Freedom) प्राप्त हो सकेगी।
आपको व आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई। 🙂
बढ़िया लगा पढ़ कर।
Dhanyawad … 😊😊
nice eassay. bahtareen Thanks for sharing. Happy Independence day
Thanks and same to you. 😊
very superb artical.
@Jay, Thanks for motivating us!! 🙂
good job
Thanks @Harpreet. 🙂
very nice post keep it up also keep me connect with you
Yeah sure …. @Zain. 🙂
bahut badiya..
Sadar aabhar @Technical Sardar.